Monthly Archives: September 2022

निरर्थक है बिना समझे नित्य पाठ 

हम धर्मग्रंथ का नित्य पाठ कर अपने कर्तव्य का अन्त क्यों कर देते हैं? उसके सर्जनकर्ता की इच्छा को क्यों नहीं समझते हैं? वह तो इन ग्रंथों को समाज के पढ़े लिखे या अपढ समझदार व्यक्तियों में अपने जीवन के स्वभाव एवं … Continue reading

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