प्रधान मंत्री मोदी जी से एक ज़रूरी प्रार्थना आम गाँव वालों के लिये
बिहार, बंगाल, यहाँ तक कि अन्य प्रदेशों में गाँवों में स्वास्थ्य सम्बंधी बहुत काम नहीं हुआ। बिहार में मेरे गाँव, ननिहाल, ससुराल में ८० साल की तरह किसी तरह की व्यवस्था होते नहीं देखा है मैंने।यहाँ तक कि हर पंचायतों में भी अस्पताल नदारद हैं, सामान्य केन्द्र भी नहीं हैं। न कोई प्राइवेट या सरकारी डाक्टर या कोई दवाई की दुकान। फिर कहाँ वे कोविद जैसे बीमारी की जाँच करायें या अन्य कोई जाँच । किसी गाँव में एक रक्त चाप जानने की कोई सम्भावना नहीं है। कौन वैक्सीन देगा और दवाई या कहाँ होगा ज़रूरी देख भाल। न आक्सीजन, न वैन्टिलेटर, फिर कैसे बचेंगे गाँववाले, बहुत सारे छोटे क़स्बों के लोग?
राज्य सरकारों ने अबतक कुछ नहीं किया है। अगर पंचायत घरों या स्कूलों के साथ एक छोटे अस्पताल की व्यवस्था होती तो स्कूल और पंचायत घर जिसमें शायद ही कोई पिछले सालों में गया होगा, कम से आज व्यवहृत हो जाते। केन्द्र ने भी कोई पहल नहीं किया केन्द्रीय विद्यालयों की तरह गाँवों के लिये स्वास्थ्य सम्बंधी व्यवस्था की। कृपया सभी डी. एम और कलक्टरों को और राज्य सरकार को ज़िम्मेदार बनाइये। हर गाँव में स्वास्थ्य सम्बंधी कुछ व्यवस्था तो होनी ही चाहिये ही। हर पंचायतों में अच्छे क़िस्म की।
आज तो सब ज़िला अस्पताल भी बहुत निम्न कोटि के हैं। बहुत ज़्यादा प्राइवेट अच्छी व्यवस्था भी नहीं आई है बड़े क़स्बों एवं शहरों में भी।कृपया अब तो सड़क और बिजली की तरह इसकी भी ब्यवस्था तो करवाइये, राज्यों से मिल कर।
राजनेता हों या धर्म के ठेकेदार क्यों कोई गाँवों का बहिष्कार कर दिये? राजनेता तो चुनाव के लिये रखे अपने दलालों से मिलने आते हैं।पंचायत प्रधान, सरपंच करोड़ों बना शहर में जा बसे। पढ़े लिखे लोग जहां गये बही बस गये। गुरूओं को शहरों के चेलों से धन मिलता है, वे गाँव गाँव क्यों घूमें। यह लोगों को धर्म की बात बतानेवाले लोगों की। कृपया आप तो कुछ कीजिये । भारत को बचाने की। गांधी ने यही चाहा था पर नेहरू दिल दिमाग़ एवं शरीर से अंग्रेज बने रह भी महान हो गये। आप तो कीजिये। आप कुछ कीजिये गाँवों को बचाने के लिये। बहुत ग़लत हो रहा है वहाँ के लोगों के भविष्य के लिये बदलिये।
भगवान आपको दीर्घ आयु दें….