कोरोना की लड़ाई और हर नागरिक का दायित्व

कोरोना की लड़ाई और सबका दायित्व
हम अपनी ज़िन्दगी (मेरी उम्र ८० साल) और शायद लिखित इतिहास के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं. कोई यह नहीं जानता कि कोरोना वॉयरस जनित सारे विश्व को चपेट में ले लेनेवाली महामारी का सठीक कारण क्या रहा है? केवल अनुमान लगाये जा रहे हैं? क्या यह किसी देश का पूरी दुनिया में वर्चस्व की लालसा में आणविक अस्त्रों के तरह के किसी अधपके प्रयोग की विफलता से हुआ या किसी अन्य अनजानी प्राकृतिक कारणों से? पूरे विश्व के वैज्ञानिक अलग अलग इससे बचाव के लिये सठीक दवाइयों की खोज में लगे हैं. इसे बचने या रोकने की टीके की खोज की जा रही है पूरी शक्ति के साथ सब उन्नत एवं सक्षम देशों में सभी संधान का उपयोग किया जा रहा है.दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति बिल गेटस् ने एक बहुत बड़ी राशि, शायद १०-१४ विलियन अमरीकी डालर देने का एलान किया है. अमरीका की सभी लैब में काम चल रहा है….भारत के वैज्ञानिक भी जी जान से जुटे हैं. दुनिया के सभी अन्य अग्रणी देशों के वैज्ञानिक इसमें जुटे हैं. पर पता नहीं कि उनमें अनवरत आपसी सम्पर्क एवं सलाह चल रहा है या नहीं? क्या इस महत् कार्य को किसी देश, कम्पनी या व्यक्ति के पेटेंट कराने की होड़ से बाहर नहीं रखा जा सकता? काश! यह दुनिया के सभी देशों के बड़े वैज्ञानिकों का नि:स्वार्थ सामूहिक प्रयत्न होता, दुनिया को बचाने की. ‘रोग के पहले ही दिये जाने सुरक्षात्मक वैक्सीन चाहिये और संक्रमित व्यक्ति के लिये अचूक और शीघ्र से शीघ्र स्वस्थ होने की दवाई चाहिये. साथ ही अब तक के ज्ञात उपायों द्वारा सभी बीमार या आशंका वाले असंख्य रोगियों को बचाने का प्रयास भी पर्याप्त मात्रा में चलना चाहिये. फिर आज की ज़रूरी दवाइयों के साथ, सफल नई खोज की गई दवाइयों को बड़ी मात्राओं में यथाशीघ्र उपलब्ध कराईं जा सके इसकी उत्पादन व्यवस्था होनी चाहिये.अन्य आवश्यक इलाज के लिये ज़रूरी चीजों एवं प्रशिक्षित मानवशक्ति की ज़रूरत भी पूरी होती रहनी चाहिये. पूरे विश्व को एक होने की ज़रूरत है.हर देश के नेतृत्व और उनके वैज्ञानिकों को मनुष्य जाति को बचाने के लिये एक होना ही होगा…कोई दूसरा रास्ता…नहीं है.
हम सभी जो और कुछ नहीं कर सकते अपने विचारों को सकारात्मक रखें.हम जिसे दुनिया की सर्व शक्तिमान परमात्मा समझते हैं उससे इस महामारी से सभी को बचाने के लिये बराबर प्रार्थना करते रहें, सभी जानकारों के बताए नियमों एवं सलाहों का पालन करें, एक दूसरे की सहायता करें, यथाशक्ति तकलीफ़ सहने की कोशिश करें. अपने कर्तव्यों को निभाये, अधिकारों को ताक पर रख दें….हमारे हर कार्य यथाशक्ति कमजोरों की सहायता के लिये हों…पर कमजोर वर्ग भी इसका नजायज़ फ़ायदा न उठाये…और एक बहुत ज़रूरी आख़िरी सलाह है कि हमारे सभी संतान युक्त लोग- विशेषकर जिनकी कामना की कमजोरी है…ब्रह्मचर्य का पालन करे लॉकडाउन में. अपने पैसे को शराब या नशाखोरी में न गंवांयें. यह न हो कि लॉक डाउन एक बड़े “बेबी बूम” का कारण बने…क्योंकि हम आज १४० करोड़ पहुँच चुके हैं…दुनिया के सबसे बड़ी जनसंख्यावाले…कृपया कोई इसका अगर इंग्लिश या अन्य भाषा में अनुवाद कर दे….

This entry was posted in Uncategorized. Bookmark the permalink.

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s