पचहत्तरवें जन्मदिन पर
अगस्त १४, २०१४
कभी हर दिन एक नयी आशा,
कुछ कर गुज़रने की तमन्ना
लिये आता था
अब है हर दिन के गुज़र जाने की गुज़ारिश केवल
…
पर नहीं एक छोटी ही सही चिंगारी कहीं है बाक़ी
एक सही झोंके के आ जाने की मद्धिम आश लिये
२
पचहत्तरवें जन्मदिन पर
बच्चे अगस्त १४ को मना लिये, रिकार्ड में आज का दिन, अगस्त २९, है जन्म दिन । कोई हीरक जयन्ती लायक तो काम किया नहीं, और अब अपने मनाने के दिन नहीं जो मैं हिन्दमोटर के शुरू के सालों में करता था । मुझे बिश्वास है उस समय के दोस्तों को याद होगा, जो अभी हैं ।ख़ैर, सभी को उनकी शुभेच्छाओं के लिये हार्दिक धन्यवाद। अब आदत के अनुसार अपनी बात…….
समय की िशला पर
समय दर समय पर
कुछ कबिता गढ़ी थी
कुछ कहनी कही थी
अपने कुछ िबचारों की
मथनी मथी थी
और आज िफ़र जब
पलट देखता हूँ
सोच में आ पड़ा हूँ ….
समय आकर मुझको
बदलता रहा है
बदल कर जिया हूँ
नया कुछ किया हूँ
और चलता रहा हूँ।
कुछ को गर न भाया
कुछ को तो हूँ भाया
न कोई है शिकवा
न कोई शिकायत।
यही एक आशा
कि
बाक़ी सफ़र भी
कुछ करते कराते
कुछ सीखते सीखाते
ऐसे हीं गुज़र जाये ।