शनिवार,केरी(Cary), हारमनि(Harmony), अगस्त ३ ।हम आज के सबेरे का नाश्ता ले आये थे डनकिन डोनट्स से ।बरामदे में बैठ नाश्ता और इधर उधर की बातों में मग्न थे । अचानक नज़र घर के सामने खड़ी एक बुजुर्ग महिला पर गयी सलवार कुर्ता में । मुझे लगा वे बात करना चाहती हैं, मैंने यमुना को जा बात करने ओैर पूछने को कहा ।यमुना सकपका रहीं थीं, इस बीच मैं ही चला गया । पता चला, वे लाहौर की हैं और अपनी लड़की के पास आइ हैं।रोज़ अपने नवाजे, नाती को स्कूल छोड़ने आती हैं । आज छुट्टी थी, रमादान भी चल रहा है, सबेरे उठीं तो सोचीं थोड़ा घूम ही लें ।पर रास्ता पर चलते चलते दिशा भ्रम हो गया, घंटे भर से परेशान थीं, घर खोज नहीं पा रहीं थीं, किसी से पूछ भी नहीं सकती थीं भाषा न जानने के चलते, किसी हिन्दुस्तानी को खोज रहीं थीं ।मेरे पूछने पर पता चला, उन्हे अपने घर का नम्बर भी नहीं पता । सैनन को पता चला तो वह रेज़िडेंट एसोसीयेशन से सम्पर्क करने लगी । आनंद महिला को ले स्कूल तक गये । अचानक उन्हे दिशाज्ञान आ गया ओैर वे ख़ुशी से नाच उठीं, फिर भी हमने आंनद को साथ जाने को कहा । वे उन्हें घर तक पहुंचा आये । आश्चर्य तब हुआ,जब आनंद बताए कि कोइ घर के बाहर आ पूछा तक नहीं ।मुझे याद है यमुना के साथ भी यही हुआ था, उस समय आनंद प्लेज़ेन्टन, कैलिफोर्निया में रहते थे । यमुना को जब राश्ता भूलने का अहसास हुआ तो एक अमरीकी सज्जन से सहायता मांगी और बताया कि आनंद का घर स्वीमिंग पूल के सामने है । उस दिन हम भी काफी डर गये थे ।आज भारत, नेपाल, बंगलादेश, पाकिस्तान से अपने बच्चों के अमरीका में आ जाने के कारण सभी तबकों के लोग आते हैं तो ऐसी घटना हो ही सकती है । पर एक पाकिस्तानी महिला को थोड़ी सहायता कर बहुत अच्छा लगा ।
आनंद का घर नौर्थ केरोलिना के राज्य मार्ग ५५ पर थोड़ा हट कर हारमनि कॉम्प्लेक्स में है । बीच में यहाँ का टर्नर क्रिक एलाइमेन्ट्री स्कूल है ।नयी बस्ती है, और काफी भारतीय रहते हैं, केरी में करीब ६.५ प्रतिशत रिसर्च ट्रायंगल पार्क के चलते ।सभी प्रदेशों के लोग हैं पर दक्षिण भारत, खासकर आंध्र प्रदेश के ज़्यादा । दस बारह हमारे तरह के बुजुर्ग भी भारत से आते जाते रहते हैं ।इसबार तीन एेसे लोगों से परिचय हुआ, दो आंध्र के और एक पुणे के । उन तीनों की लड़कियाँ रहतीं हैं दामादों के साथ ।कुछ और लोग भी हैं जो रास्ते पर घूमते हुये दिख जाते हैं, पर सभी सम्पर्क नहीं बढ़ाने में रुचि रखते, भाषा का अंतर भी कारण होता है ।कुछ अन्य देशों के बुजुर्ग भी दिखते हैं, पर बात नहीं होती । भारतीय नयी पीढ़ी के यहां काम करनेवाले लोग बुजुर्गों से कतराते हैं । एक दूसरे के घर जाने का रिवाज नहीं के बराबर है ।इस बार लग रहा है काफी भारतीय महिलाएं भी काम करने लगीं हैं । उनका बड़ी बड़ी गाड़ियों को चलाते हुए आना जाना अच्छा लगता है ।हम अपने बरामदे में बैठे यह सब देखते रहते हैं ।
आनंद का घर हारमनि में प्रवेश करते दाहिने रोड पर बायें का पहला है । आनंद के पड़ोसी एक भारतीय युवती हैं जिन्होने एक अमरीकी युवक से शादी की हैं । यह दम्पति मिलना तो दूर कभी आते जाते भी नहीं दिखते ।घर के ठीक सामने एक अमरीकी परिबार का घर है, दम्पति और उनके दो बच्चे, बड़ा लड़का कॉलेज जाता,छोटी लड़की स्कूल में । वे तीन चार पक्षी पाल रखे हैं अफ्रीका एवं दक्षिण अमरीका के बिभिन्न देशों के ।एक तो तोता की तरह रंगीन है पर बहूत बड़ा ।कभी कभी किसी पक्षी को कंधे पर ले घर के बाहर भी घूमता दिखता है । काफी मिलनसार है हमारे यहाँ भी आता जरूरत पड़ने पर ।मुझसे वायदा किया है अपने पक्षियों को दिखाने का । उसके अनुसार एक पक्षी तो तीन भाषा बोल लेता है । वे टी भी प्रोग्रामों का लुत्फ भी लेते हैं और उनके प्रिय चैनल को बदलने पर मना भी ।
शाम को घूम कर आने पर अधिकाँशत: हम पीछवाड़े में बैठते है, वहीं एमा, जैक खेलते है, हम भी कभी कभी उनका मन बहलाने के लिये उसमें भाग लेते हैं । हारमनि का क्लब और स्वीमिंग पूल का नजारा भी देख मन बहलाते हैं । पर सबसे अच्छा होता है दूर बादलों के बीच सूर्यास्त का रंगीन दृश्य दिब्य, अनूठा ।
हां, इसबार यहाँ सभी छिड़काव के बावजूद भी मच्छरों का पर्कोप है, वे इतने छोटे हैं कि दिखते नहीं पर गहरा घाव करतें हैं, फुनसी से शुरू हो लाल छोटे घाव बन जाते हैं । और ख़ुजलाता जाता है, ख़ुजलाना अच्छा लगता है और यह तीन चार दिन चलता है ।
पर सबसे मज़ेदार अनुभव तो एमा एवं जैक के कारनामों के हैं जो संजीवनी बन जीने का आनंद प्र्दान कर रहे हैं ।