आओ चुनौती दें फैलते अंधेरों को
असली ज्ञान दीपों को जला
लाखों करोड़ों में ।
अपने स्वेदों के स्नेह से
भरे रखें हरपल उनको ।
केवल अथक साधना, प्रयास
बुद्धि, और शक्ति देगी
असंख्य आसुरी
रावणी शक्ति पर बिजय ।
पर रहे याद हमें
बिजय के बाद की
कहानी सदा
उससे भी जरूरी
रहा लोभ का त्याग
सबका, चाहे राम
या साधारण बानर ।
न लिया दिब्य रथ,
न रत्न, स्वर्ण, आभूषण ।
और तभी जल सकी
कोशल में दीप माल्य
और आया राम राज्य ।
शुभ हो दीपावली